Maharashtra Nitesh Rane बोले- Burqa पहन के Exam देना है तो पाकिस्तान जाओ’
Maha Kumbh
अगर डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर का संविधान लागू नहीं होता या कोई शरिया कानून लागू नहीं होता तो अगर उन्हें कोई बुर्का पहनकर परीक्षा देनी है तो उन्हें पाकिस्तान और बांग्लादेश चले जाना चाहिए. हमें इससे कोई दिक्कत नहीं है. देखिए सुप्रिया सुले जी को हिंदू फोबिया है, जब भी हिंदू समाज पर कोई दिक्कत होती है, तभी कुछ बात होती है तो इन जैसे लोगों को चिढ़ होती है.

Maharashtra Nitesh Rane बोले- Burqa पहन के Exam देना है तो पाकिस्तान जाओ’
जब भी उनकी मां पर वक बोर्ड का दावा होगा तो क्या वक बोर्ड अपना बोर्ड लगाएगा और तब उन्हें समझ में आएगा कि चिढ़ कहां होती है, जिस तरह से आज हजारों-लाखों लोगों को हो रही है? इस हिंदू संपत्ति बोर्ड ने उन पर गलत दावा किया है, इसलिए उद्धव ठाकरे इस दर्द को कभी नहीं समझेंगे. इसलिए उद्धव ठाकरे और ओबीसी की भाषा एक जैसी है, क्योंकि दोनों जुड़वा भाई हैं और उद्धव ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र की मुस्लिम पार्टी है.
जिस प्रकार से घर में कीड़े-मकौड़े आ जाते हैं, हम पेस्ट कंट्रोल करके उनको खत्म कर देते हैं उसी प्रकार से महाराष्ट्र में कोई भी बांग्लादेशी कीट-पतंगे और बीमारियां अभी भी हैं उनको यहां से खत्म करने का काम हमारी महाराष्ट्र सरकार जरूर करेगी और हुस्न दलवा जी को हज से लौटने के बाद पता नहीं कहां खुजली होती है. उनकी उस खुजली का समय खत्म हो जाएगा तभी महाय कुंज पर ध्यान देना चाहिए शटर पर लिखा है हमारी सरकार हिंदुत्व विचारधारा की सरकार है हम किसी भी तरह की तुष्टीकरण की राजनीति बर्दाश्त नहीं करेंगे और होने भी नहीं देंगे जो नियम हमारे दूसरे हिंदू धर्म के छात्रों को लगता है वही नियम हैं या ये नियम मुस्लिम धर्म के छात्रों को भी पहनना चाहिए जो हिजाब और बुर्का पहनना चाहते हैं वो अपने घर पर या जहां भी उन्हें ऐसा करने की इजाजत है वहां पहनें जब भी परीक्षा का समय आए तो वो वहां एक छात्र के तौर पर आएं और दूसरे छात्रों की तरह बैठें अपनी परीक्षा दें हिजाब या बुर्का पहनने के कई फर्जीवाड़े इससे पहले भी सामने आए हैं जहां कानून व्यवस्था का मुद्दा भी उठा है साथ ही ठगी की भी कई घटनाएं सामने आई हैं, जहां लोगों ने बुर्का पहनकर नकल की है, इसलिए ये सब चीजें हमारे यहां नहीं होनी चाहिए।
महाराष्ट्र, इसलिए मैंने संबंधित मंत्री को पत्र लिखकर कहा है कि अगर ऐसा कोई निर्णय लिया जाता है तो उसे रद्द करें। आपकी इस मांग पर विपक्ष और मुसलमान उन्हें गाली देते हैं और कहते हैं कि बुर्का पहनना इस्लाम में लिखा है। यह हमारा निजी मामला है, इसलिए इसे घर तक ही सीमित रखें। अगर यह निजी मामला है, तो इसे अपने मोहल्ले तक ही सीमित रखें। आप इसे स्कूल और कॉलेज में क्यों ला रहे हैं? फिर यह कहां लिखा है कि हिंदू छात्रों के लिए अलग नियम हैं और मुस्लिम छात्रों के लिए अलग नियम हैं? और कहां? हमारे देश में डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर का संविधान लागू नहीं होता या कोई शरिया कानून लागू नहीं होता, इसलिए अगर उन्हें कोई बुर्का पहनकर परीक्षा देनी है, तो वे पाकिस्तान या बांग्लादेश चले जाएं, हमें इससे कोई दिक्कत नहीं है, विनायक मंदिर प्रशासन की तरफ से ड्रेस कोड लागू किया गया है और कहा गया है कि सभी श्रद्धालु भारतीय परिधान में आएं लेकिन सुप्रिया सुले का कहना है कि वे मंदिर प्रशासन के इस फैसले से हैरान हैं। देखिए सुप्रिया सुले जी को हिंदू फोबिया है और जब भी हिंदू समाज के बारे में कुछ बात होती है, तभी इन जैसे लोगों को चिढ़ होती है, तो इसमें हैरान होने वाली कोई बात नहीं है क्योंकि इन्हीं सुप्रिया सुल्ही जी ने ट्रिपल तलाक का समर्थन किया था, इन्होंने कभी लव जिहाद के खिलाफ कुछ नहीं कहा था, तो आज जब हिंदू समाज के लिए कुछ अच्छा फैसला लिया जाता है, हमारे सिद्धि विनायक ट्रस्ट ने लिया है, तो इसका जवाब
सुप्रिया सुले जी की तरफ से जो आया है, वही हमें उम्मीद थी, इस पर हैरान होने की जरूरत नहीं है। अरविंद सावंत बटाला से सांसद हैं, वो बोर्ड के लिए सॉफ्ट कॉर्नर दिखा रहे हैं जबकि पार्टी लाइन उनसे अलग है। अलग है, क्या आपको लगता है कि उद्धव ठाकरे सुर से ताल मिला रहे हैं? देखिए, उद्धव ठाकरे ऐसे हैं, ये मुल्ला मुल्ला उद्धव ठाकरे बन गए हैं, जब भी लॉ बोर्ड उनकी मां पर दावा करेगा, क्या लॉ बोर्ड जब बोर्ड भी लगेगा, तब उन्हें समझ में आएगा कि दर्द कहां है, जिस तरह से इस बोर्ड ने हमारे हजारों-लाखों हिंदुओं की संपत्तियों पर गलत तरीके से दावा किया है, उस दर्द को उद्धव ठाकरे कभी नहीं समझ पाएंगे, इसलिए उद्धव ठाकरे और ओबीसी की भाषा अभी एक ही है क्योंकि दोनों जुड़वा भाई हैं और उद्धव ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र की मुस्लिम लीग है, इसलिए इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि उन्होंने और बोर्ड ने उनका समर्थन किया है। इसका जवाब समय आने पर मिलेगा। हिंदू समाज उद्धव ठाकरे की पार्टी को अपनी स्वीकृति देगा। आप समर को मुंबई जरूर देंगे, पूरे महाराष्ट्र में अवैध गतिविधियों में रह रहे बांग्लादेशियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। सर, आपको उसमें अपनी आवाज़ उठानी चाहिए। कार्यवाही चल रही है, इसमें तेज़ी आनी चाहिए क्योंकि ऐसे बांग्लादेशी पूरी दुनिया में जंगल की आग की तरह फैल रहे हैं। देखिए, ये बांग्लादेशी कीड़े जिन्हें रोंगे कहते हैं, उन्हें खत्म करना ही होगा।
जिस तरह से घर में कीड़े आ जाते हैं, हम कीटों को नियंत्रित करके उन्हें खत्म कर देते हैं, उसी तरह से महाराष्ट्र में बांग्लादेशियों को खत्म करेंगे और उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करेंगे।
महाराष्ट्र मुसलमानों से मुक्त होगा। आप लोग इस बारे में क्या सोचते हैं सर? क्योंकि प्रधानमंत्री ने कल्पना की है कि देश के सभी राज्यों में समान नागरिक संहिता लागू होनी चाहिए। देखिए, अगर हमारे प्रधानमंत्री ने ऐसा कहा है, तो मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि हमारा महाराष्ट्र राज्य हमारे प्रधानमंत्री की हर बात का पालन करेगा।
अब तक वे शब्दों के अनुसार काम करते रहे हैं और आगे भी करेंगे। हमारे राज्य में समान नागरिक संहिता जरूर लागू होगी। इसे कब लागू किया जाएगा, इस बारे में हमारे मुख्यमंत्री और उनके सभी वरिष्ठ लोग कल महाकुंभ में निर्णय लेंगे। विपक्ष इस मुद्दे पर दिन भर चर्चा करेगा।

वो कुव्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं, कह रहे हैं कि सेना को सुविधा मिलनी चाहिए, मैंने कभी विपक्ष को हज यात्रा पर कोई टिप्पणी करते नहीं सुना, हज यात्रा पर जाने वाले लोगों के लिए यही समस्या है, लोग वहाँ हैं, सब कुछ, जैसे दिवाली और सब कुछ, सब कुछ साधारण तरीके से होता है। क्या इस तरह की भगदड़ वहाँ कभी नहीं होती? तो इसका मतलब है कि महाकुंभ के लिए अलग नियम और हज के लिए अलग नियम, हम अपने हिंदू राष्ट्र में इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। इसलिए हमें अपने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को धन्यवाद देना होगा कि उन्होंने महाकुंभ जैसे पवित्र आयोजन के लिए ऐसा किया। ऐसा किया जाना चाहिए, इसे महज दिखावा के तौर पर किया जाना चाहिए और इसमें जो भी दुर्घटना हुई है, हमारी यूपी सरकार उसका पूरा ध्यान रखेगी। आखिरी सवाल: मल्लिकार्जुन खड़गे ने कुछ दिन पहले कहा था, क्या कुंभ में स्नान करने से गरीबी मिट जाएगी? एक तरह से उन्होंने इसके आयोजन पर व्यंग्यात्मक टिप्पणी की है अरे बाबा, मैं खड़ग जी से कहूँ कि आप राहुल गांधी जी से कहिए कि वो गंगा में जाकर स्नान करें, शायद गंगा में स्नान करने के बाद उन्हें कुछ सद्बुद्धि आए। और उनको इस बारे में समझ आएगी, महाकुंभ और गंगा स्नान का क्या महत्व है, व्यवस्था कैसी होनी चाहिए, महाकुंभ में स्नान के बाद बीमारियां फैलती हैं, हुस्न दलवा जी को हज से लौटने के बाद पता नहीं कहां खुजली होती है, और अगर उनका समय पूरा हो जाएगा; तभी उनको महाकुंभ पर ध्यान देना चाहिए